ऑनलाइन शेम और डिजिटल हेट से ठीक होने के 5 तरीके

साइबर बुलइंग से बच्चों पर ही प्रभाव नहीं पड़ता, व्यस्क भी इसके शिकार होते हैं।

क्या आप कभी साइबर बुलइंग के शिकार हुए हैं?

हम सब ऑनलाइन दुनिया से इतने जुड़ चुके हैं कि किसी न किसी सूरत में लगता है साइबर बुलइंग के शिकार हुए ही होंगे। अगर मेरी कहानी सुनोगे तो मैं अकसर में इसका शिकार होता हूँ कभी सरकार की आलोचना करके तो कभी प्रशंसा करके, कभी किसी पोलिटिकल टॉपिक पर व्यंग करके तो कभी किसी सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ शेयर करके, हम भारतीयों के लिए यह कोई नई चीज़ नही है हम पहले ऑरकुट और फेसबुक पर इसका शिकार होते थे और अब इंस्टाग्राम - ट्विटर पर होते हैं। चौकाने वाली बात तो यह कि इप्सोस के अध्ययन में पाया गया कि भारत में 37% माता-पिता ने माना कि उनके बच्चे साइबर बुलइंग की घटनाओ के शिकार हुए हैं। इन में से 14% लोगो ने माना कि बुलइंग लगातार और अक्सर देखने को मिली है।

Stop Cyber Bullying

सीमैंटेक की एक रिसर्च में पाया गया कि 10 में से 8 व्यक्ति किसी न किसी तरह से साइबर बुलइंग के शिकार हुए हैं, इन में से 63% ने ऑनलाइन एब्यूज और अपमान का सामना किया है और 59% की छवि झूटी अफवाह और गपशप से ख़राब हुई है।

सीमैंटेक के इसी अध्ययन में यह भी सामने आया के एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत में सबसे ज़्यादा साइबर बुलइंग होती है, यह ऑस्ट्रेलिया और जापान से कही ज़्यादा है।

ऑनलाइन छेड़छाड़, मज़ाक उड़ाना और बुलइंग नई चीज़ नहीं है, अगर कुछ बदला है तो वह यह कि इसके प्रति संदेश कैसे फैलाया जा सकता है, बढ़ाया जा सकता है और स्थायी रूप से कैसे दर्ज कराया जा सकता है, इसका सारा श्रेय इंटरनेट को जाता है।

हम एक संवेदनापूर्ण ऑनलाइन (और ऑफलाइन) दुनिया की ओर काम कर सकते हैं। अनसेल्फी की लेखिका मिशेल बोरबा का कहना है "यह एक मानव आपदा है जो प्राकृतिक नहीं है" और संकेत देते हुए कहा कि "हम इसका कारण हैं, हमने इसको घुमा दिया। सहानुभूति को उजागर किया जा सकता है"।

यह जानना बेहद ज़रूरी है कि हम में से जो भी साइबर क्राइम से पीड़ित है, चाहे वह किसी भी उम्र के हैं, कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, साइबर-शेम से पीड़ित होना कोई ऐसी चीज़ नहीं जिस से बस आप आगे बढ़ते हैं, यह ठीक होने में समय ले सकता है और आपको खुद को उस प्रक्रिया से गुजरने की अनुमति देनी चाहिए - अपने आप को उन दोस्तों के साथ जोड़ें जो आपको प्यार करते हैं और आपकी परवाह करते हैं।

ऑनलाइन शेमिंग से उभरने के 5 उपाए।
1. अपने आप को गुस्सा होने की इजाज़त दें।
यह ठीक है और नार्मल है।अपने दिमाग में यह सोच उत्पन्न कीजिये के गुस्सा होना ठीक है और काफी हद तक नार्मल है इन भावनाओं का इस्तेमाल करके आप वापस लड़ सकते हैं। हम लोगो को कन्ट्रोल नहीं कर सकते की वह ऑनलाइन कैसे व्यवहार कर रहे हैं, लेकिन हम अपनी भावनाओं को कन्ट्रोल कर सकते हैं। परेशान होना और खासकर उन्मत्त होना ठीक है। अपने वर्चुअल लैंडस्केप को सुधारने के लिए कदम उठाने से आप अपनी भावनाओं को कन्ट्रोल कर सकते हो।

2. अपना ध्यान रखें।
डिजिटल शेमिंग होने के बाद ऐसा होना आम है कि आप उस स्तिथि में होते हैं जब आप किसी के साथ कुछ शेयर नहीं कर सकते। सोच यह भी होती है, आपकी बात कौन समझेगा? लेकिन कुछ लोग बहुत खुश नसीब होते हैं क्युकि उनके पास अच्छे दोस्त होते हैं जिनके साथ सिक्योर महसूस किया जा सकता है! डिजिटल शेमिंग की स्तिथि में ऐसे दोस्त होना बहुत सुखदायक है जिसपर भरोसा किया जा सके। सिर्फ यह ही नहीं ऐसी स्तिथि में आपकी अपनी फॅमिली भी एक दोस्त की तरह साथ दे सकती है, फॅमिली के साथ समय गुज़ार कर कॉन्फिडेंस वापस पाया जा सकता है और कभी कभी किसी प्रोफेशनल की हेल्प लेने में कोई बुराई नहीं।

3. द्रिष्टिकोण प्राप्त करें।
आपको किसी ने पीड़ा पहुंचाई इसका मतलब यह नहीं की आप बेकार हैं या आपकी कोई चिंता नहीं करता, आपकी लाइफ में कोई न कोई ऐसा ज़रूर होता है जो आपको नीचा दिखाना चाहता उसकी वजह ईर्ष्या या कुछ भी हो सकती है। शॉन कोसॉफ्कि, टाइलर क्लेमेंटी फाउंडेशन कहते हैं कि: "इस बात को याद रखें कि आपको सब प्यार करते हैं। यह बात भी सत्य है कि आप नकरात्मकता का सामना कर रहे हैं लेकिन लोग आपसे प्यार करते हैं, लोग क्रूर हो रहे हैं क्योंकि कुछ लोगों के लिए समझदार की तुलना में विवाद उत्पन्न करने वाला बनना आसान है। कभी-कभी, यह बेहतर होने से पहले ही खराब हो जाता है। द्रिष्टिकोण प्राप्त करें। आप पर आक्रमण करने वाले लोगों के मायने नहीं रखते हैं। वह आपके जीवन में अहमियत नहीं रखते।”

4. आवाज़ उठाएं।
क्याे आपने अपनी कहानी अभी तक लिखी है? चाहे वह ब्लॉग पर हो या आपका पर्सनल जर्नल हो, अपनी भावनाएं को व्यक्त करें और और उसको शेयर करें, ऑनलाइन या ऑफलाइन जैसे भी आपको ठीक लगे। आपको आश्चर्य होगा कि कितने पीड़ितों ने एक ब्लॉगर या वर्डप्रेस ब्लॉग लिखकर और अपनी कहानी बताकर एक सुरक्षित स्थान पाया है। ऐसा करने में आपको समय लग सकता है, लेकिन जब आप ऐसा करेंगे, तो आपको कई लोग मिल जाएंगे जो आपको समर्थन देने के लिए इंतजार कर रहे हैं।

5. अपने अपमान को भूलकर आगे बढ़ें।
डिजिटल शेम को दूर करने के लिए उसको स्वीकार करना एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वीकार करें कि आपके साथ ऐसा हुआ है और आपको इस सत्य के साथ रहना सीखना होगा। इस सन्दर्भ में एक टेलीविजन शो में एक मनोवैज्ञानिक ने कहा, "आपको बस आगे बढ़ना है"। मानो यह इतना आसान था। यह स्वीकार करें कि यह इलेक्ट्रॉनिक अपमान हुआ है, लेकिन यह आपको पूरी तरह से परिभाषित नहीं करता है।

रेफेरेंस:
Global Awareness of Cyberbullying Increasing, but 25% Have Never Heard of It
India ranks highest in online harassment in APAC region:Norton
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